रिया चक्रवर्ती के बेल ऑर्डर में बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, वो ड्रग डीलरों के किसी रैकेट का हिस्सा नहीं हैं

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29 सितंबर का दिन था और क़ानून के जानकारों का कहना है कि उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायलय में कभी इतनी लंबी सुनवाई नहीं देखी.

बेंच थी न्यायमूर्ति सारंग वी कोतवाल की, जिनके सामने रिया चक्रवर्ती और अन्य अभियुक्त बनाए गए लोगों की ज़मानत की याचिका पर सुनवाई चल रही थी. सुबह 11 बजे से शुरू हुई बहस शाम के सात बजे तक चलती रही. बाद में अदालत ने ज़मानत पर अपना फ़ैसला सुरक्षित कर लिया.

बुधवार (7 अक्तूबर, 2020) को कोर्ट ने ड्रग्स मामले में रिया चक्रवर्ती, सैमुअल मिरांडा और दीपेश सावंत को सशर्त ज़मानत दे दी. हालाँकि रिया के भाई शौविक की ज़मानत याचिका अदालत ने ख़ारिज कर दी.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने बेल ऑर्डर में कहा, “वो ड्रग डीलरों के किसी रैकेट का हिस्सा नहीं हैं. उन्होंने कथित तौर पर हासिल किए हुए ड्रग्स किसी और को पैसे बनाने या किसी और मक़सद से नहीं दिए हैं. उनका कोई आपराधिक अतीत नहीं रहा है, इसलिए इस बात को मानने की वाजिब वजहें हैं कि जमानत पर रहने के दौरान वे कोई अपराध नहीं करेंगी.”

रिया और उनके भाई शौविक के वकील सतीश मानशिंदे ने ज़मानत मिलने के बाद कहा, “हम उच्च न्यायलय द्वारा ज़मानत दिए जाने के फ़ैसले से ख़ुश हैं. अदालत ने हमारी दलीलों को स्वीकार किया, जो तथ्य पर आधारित हैं.”