ब्राजील से हुईं ये 5 गलतियां और 6 लाख लोगों को निगल गया कोरोना

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Photo Credit: BBC

ब्राजील में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या छह लाख के पार हो गई है। मौत के मामले में वह दुनिया में दूसरे नंबर पर है, जबकि संक्रमण के मामले में अमेरिका, भारत के बाद तीसरे नंबर है। हालांकि मौत के आंकड़ें खुद गवाही दे रहे हैं कि कोरोना से निपटने में सरकार की तरफ से कहीं न कहीं चूक हुई है। आइए यहां हम आपको बताते हैं उसके द्वारा की गईं पांच गलतियां, जिसने पूरी दुनिया को सबक दिया है।
1. महामारी को गंभीरता से नहीं लिया: ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो ने कई मौकों पर कोरोना महामारी का मजाक उड़ाया था। उन्होंने महामारी को लेकर कई अजीबोगरीब बयान दिए थे। बोलसोनारो ने कोरोना वायरस को सामान्य फ्लू कहकर खारिज कर दिया था। वहीं, दूसरी तरफ पूरी दुनिया इस महामारी से निपटने के लिए कारगर कदम उठा रहे थे। इस वजह से देश में उनकी आलोचना भी हुई थी। राष्ट्रपति के इस गैरजिम्मेदाराना बयान की वजह से देश को इतना बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा।

2. मास्क और सामाजिक दूरी का पालन नहीं: जैर बोलसोनारो ने महामारी का मजाक तो उड़ाया ही, साथ ही उन्होंने मास्क लगाने और सामाजिक दूरी जैसे उपायों का भी विरोध किया था। उन्होंने मास्क की उपयोगिता को भी कठघरे में खड़ा किया था। उन्होंने कहा था कि इस संबंध में बेहद कम साक्ष्य हैं कि मास्क कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में प्रभावी है। हालांकि यह बात अलग है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित सभी स्वास्थ्य एजेंसियों ने कोरोना से जंग में मास्क को कारगर हथियार बताया।
3. लॉकडाउन का विरोध: कोरोना की शुरुआत में बोलसोनारो ने लॉकडाउन का विरोध किया था। जब पूरी दुनिया में लोग घरों में कैद थे उस वक्त बोलसोनारो ने तालाबंदी का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि अर्थव्यवस्था को खुला रहना चाहिए। घर पर रहना सिर्फ बेवकूफ लोग ही पसंद करेंगे। जब वहां वैज्ञानिक तालाबंदी को जरूरत बता रहे थे उस समय केंद्र सरकार ने कभी इस पर कड़ा फैसला नहीं लिया। ब्राजील कई वेरिएंट से जूझ चुका है, लेकिन उसने संक्रमण की तीव्रता के हिसाब से रणनीति नहीं बनाई।

4. टीके पर लापरवाही: टीकाकरण अभियान को लेकर जागरुकता पर काम नहीं किया गया। एक तरफ पूरी दुनिया वैक्सीन का इंतजार कर रही थी तो वहीं दूसरी तरफ ब्राजील के राष्ट्रपति ने इसके उलट बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं आपसे कह रहा हूं, मैं वैक्सीन नहीं लेने वाला हूं। यह मेरा हक है। इतना ही नहीं, कुछ समय पहले उन्होंने ट्विटर पर वैक्सीन प्रक्रिया का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि वैक्सीन की जरूरत केवल उनके कुत्ते को है।

5. आपातकाल में भी भ्रष्टाचार: एक हॉस्पिटल चेन ने जानबूझकर गैर सर्टिफाइड दवाएं बुजुर्ग मरीजों को दीं, जिसके परिणाम घातक निकले थे। वहीं, जांच में एक अन्य गवाह ने राष्ट्रपति बोलसोनारो पर भारत से एक गैर-अनुमोदित कोविड वैक्सीन खरीदने के अनुबंध में अनियमितताओं और बड़े पैमाने पर अधिक शुल्क लेने का आरोप लगाया। राष्ट्रपति की गलत नीतियों पर भी संसदीय जांच चल रही है।

महज 45.5 फीसदी आबादी को ही दोनों डोज
ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 18,172 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई और 615 मरीजों की मौत हो गई। नए मामलों के साथ संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर दो करोड़ 15 लाख 50 हजार 730 हो गया, जबकि मृतकों की संख्या छह लाख 425 हो गई है। देश में अब तक सिर्फ 9.72 करोड़ लोगों यानी 45.5 प्रतिशत आबादी को ही पूरे टीके लगे हैं। वहीं 14.88 करोड़ लोगों को एक डोज दिए गए हैं।