महिलाओं में क्यों बढ़ रहा है ब्रेस्ट कैंसर?

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गांव व कस्बों की तुलना में शहरी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा बढ़ रहा है. आख़िर क्या है इसकी वजह जानने के लिए हमने बात की कैंसर स्पेशलिस्ट व गायनाक्लोजिस्ट डॉ. राजश्री कुमार से. कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनकर आज भी लोग सिहर उठते हैं. तमाम जागरुकता अभियानों के बावजूद कैंसर पेशेंट को आज भी सामाजिक स्वीकार्यता नहीं मिली है. यही कारण है कि शिक्षित महिलाएं भी इस बात को जल्दी स्वीकार नहीं कर पातीं कि वो कैंसर की शिकार हो चुकी हैं. हमारे देश में हर साल लगभग ब्रेस्ट कैंसर के एक से सवा लाख नए केस सामने आ रहे हैं और ज़्यादातर मामलों में शर्म व संकोचवश महिलाएं डॉक्टर के पास नहीं जाती. यदि समय रहते कैंसर का पता चल जाए, तो इलाज संभव है.

ख़ुद करें जांच
अपने शरीर को आपसे अच्छी तरह भला और कौन जान सकता है, अगर आप कैंसर के ख़तरे से बचना चाहती हैं, तो सेल्फ एग्ज़ामिनेशन (ख़ुद अपनी जांच) करें.
* सीधा लेटकर या नहाते समय हाथ ऊपर करके ब्रेस्ट पर हाथ घुमाकर महसूस करें कि कहीं कोई गांठ तो नहीं है. कई बार ये गांठ बहुत छोटी भी होती है, इसलिए थोड़ा भी शक़ होने पर बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं.
* यदि आपको महसूस हो रहा है कि स्तनों का आकार असामान्य तरी़के से बढ़ रहा है या बगल में सूजन है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत जांच करवाएं.
* निप्पल का आकार बिगड़ने लगे, लाल होने लगे या उसमें से ख़ून आने लगे तो ये ख़तरनाक हो सकता है.

क्या हैं कारण?
ब्रेस्ट कैंसर होने की कोई एक वजह नहीं है, इसके लिए कई कारण ज़िम्मेदार हो सकते हैं.
* कई बार ये अनुवांशिकता के कारण होता है. यदि परिवार में नज़दीकी रिश्तेदारों (मम्मी, चाची, दादी, नानी) को ये हुआ है, तो आपका इसका शिकार होने की संभावना बढ़ जाती है.
* ब्रेस्टफीड न कराना और बच्चे न होना भी इसकी एक बड़ी वजह हो है. शहरों में कामकाजी महिलाएं देर से शादी करती हैं, जो बच्चे में लेट होते हैं और ज़्यादातर महिलाएं फिगर ख़राब होने या नौकरी की वजह से बच्चों को ज़्यादा समय तक ब्रेस्टफीड नहीं करा पातीं.
* ग़लत लाइफस्टाइल यानी ज़्यादा फैटी फूड, एक्सरसाइज़ न करना आदि से भी ये हो सकता है.
* ज़रूरत से ज़्यादा मोटापा, शराब, सिगरेट आदि का अधिक सेवन भी इसकी वजह हो सकता है.

कैसे बचें?
* शराब और सिगरेट से तौबा कर लेें.
* वज़न नियंत्रित रखने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करें.
* भोजन में फैटी फूड की मात्रा कम कर दें. हेल्दी फूड खाएं.
* जितना ज़्यादा हो सके बच्चे को ब्रेस्टफीड कराएं.
* यदि परिवार में ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री है, तो नियमित रूप से चेकअप ज़रूर करवाएं.
* यदि उम्र 35 से कम है, तो सोनोग्राफी करती रहें.
* यदि आपकी उम्र 35 से ज़्यादा है, तो मेमोग्राफी की जाती है.
* 40 साल की उम्र में 1 बार और फिर हर 2 साल में मेमोग्राफी करवानी चाहिए ताकि शुरुआती स्टेज में ही कैंसर का पता चल जाए.

1. पिछले क़रीब 25 साल में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में दुगुनी बढ़ोतरी हुई है.

2. यदि शुरुआती स्तर पर ही कैंसर का पता चल जाए तो इसके ठीक होने की संभावना ज़्यादा रहती है, मगर हमारे देश में क़रीब 30 प्रतिशत मामले एडवांस स्टेज पर पहुंचने के बाद सामने आते हैं, जिससे मरीज़ को बचा पाना मुश्किल हो जाता है.

3. शहरी महिलाओं में जहां ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा बढ़ रहा है, वहीं गांव/कस्बों में सर्वाइकल कैंसर की तादाद बढ़ रही है. हमारे देश में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ने की दर 2.4 प्रतिशत है. इसका कारण गांवों की महिलाओं में जागरूकता की कमी, स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही, हाइजीन का ख़्याल न रखना आदि है. ज़्यादा बच्चे होने, सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान कंडोम का इस्तेमाल न करने से भी सर्वाइकल कैंसर का ख़तरा रहता है. यदि सही समय पर इसका पता चल जाए तो इलाज संभव है, मगर ज़्यादातर मामलों में एडवांस स्टेज पर पहुंचने पर ही मरीज़ को बीमारी का पता चल पाता. इसके लक्षणों को समझना मुश्किल है. अतः चेकअप करवाना ही सबसे बेहतर उपाय है. 30 की उम्र के बाद पैप स्मीयर टेस्ट करवाएं. यदि सब सामान्य है तो हर 5 साल में एक बार चेकअप करवाएं.