जानलेवा साबित हो सकती है लॉन्ग ड्राइव

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ज़्यादातर लोगों को लॉन्ग ड्राइव पर जाना पसंद होता है। यहां तक कि कई लोग 9-10 घंटे का सफर भी प्लेन या ट्रेन की जगह अपनी कार से करना पसंद करते हैं। हालांकि, इसमें कोई शक़ नहीं कि कार से लंबा सफर खासकर घूमने के लिए बहुत आरामदायक और मज़ेदार होता है, लेकिन इसके कई नुकसान भी होते हैं। अगर आपको भी लॉन्ग ड्राइव पर जाना पसंद है और आप अक्सर ऐसी ट्रिप्स प्लान करते हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।

क्या आपको भी कार चलाना बेहद पसंद है? क्या कार से लॉन्ग ड्राइव पर जाते हैं? अगर इन दो सवालों का जवाब हां है तो आपके लिए हम लेकर आए हैं अनमोल एक सलाह जो आपकी जिंदगी बचा सकती है। अगर आप भी कार से लॉन्ग ड्राइव पर जाते हैं तो इस दौरान हर 1-2 घंटे में ब्रेक ज़रूर लें, आराम करें, पैरों को हिलाएं, टाइट कपड़े न पहनें इसकी जगह ढीले-ढाले औक आरामदायक कपड़े पहनें और ड्राइव करते वक्त पानी पीना न भूलें।

अगर आप भी ऑटोमैटिक कार चलाते हैं तो ये जानकारी आपकी जान बचा सकती है। ये कहानी है विकास की। विकास कुछ समय पहले ऑटोमैटिक गाड़ी से दिल्ली से भीमताल और फिर वहां से वापस ड्राइव करके आए। इस दौरान उनकी जान जाते जाते बची। 31 साल के विकास लंबी ड्राइव की वजह से पल्मोनरी एम्बोलिज़्म के शिकार हो गए।

दरअसल, ये इसलिए हुआ क्योंकि ऑटोमैटिक गाड़ी में उनका बांया पैर भी इस्तेमाल नहीं हो रहा था। जिसकी वजह से घंटों पैर मुड़ा रहा। वहीं, उनकी जीन्स भी काफी टाइट थी, जिससे पैरों में खून सही तरीके से नहीं पहुंच पा रहा था। इस वजह से ड्राइव करते वक्त विकास के दाएं पैर में ब्लड क्लॉट हो गया। क्लॉट की वजह से उन्हें दर्द तो महसूस हुआ लेकिन उन्होंने लापरवाही करते हुए इसे नज़रअंदाज़ किया। यह क्लॉट, खून में ट्रैवल करते हुए पैरों से फेफड़ों तक पहुंच गया जिससे उनके फेफड़ों की आर्टरी में ब्लॉकेज हो गई और उनके हार्ट और ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया।

दो दिन बाद जब विकास ऑफिस पहुंचे तो उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। अस्पताल में भर्ती कराने पर डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत ब्लड क्लॉट खोलने की दवा दी और फिर 45 मिनट तक सीपीआर दिया, तब जाकर सौरभ ने सांस लेना शुरू किया। इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि इस भयानक पल्मोनरी एम्बोलिज़्म की वजह 8 घंटे लंबी ड्राइव होती है। साथ ही विकास ने टाइट जीन्स भी पहनी थी, जिसकी वजह से ब्लड क्लॉटिंग हुई। डॉक्टर ने ये भी साफ किया कि विकास लकी थे कि उनकी जान बच गई, पल्मोनरी एम्बोलिज़्म एक जानलेवा समस्या है और इसमें 50 प्रतिशत मामलों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बड़ा होता है।

लॉन्ग ड्राइव करते वक्त इन बातों का रखें ख्याल

1. एक ही पोज़िशन में बहुत देर तक बिल्कुल न बैठें।

2. लॉन्ग ड्राइव पर जाएं तो हर 1-2 घंटे में ब्रेक ज़रूर लें, खासकर अपने पैरों को आराम देना ज़रूरी है।

3. पूरी जर्नी में पानी खूब पिएं। चाहे लॉन्ग ड्राइव हो या फ्लाइट की जर्नी शरीर की मूवमेंट को ज़्यादा देर न रोकें।

4. आरामदायक कपड़े पहनें। टाइट कपड़ों की वजह से भी ब्लड क्लॉटिंग होती है।

5. इस दौरान शराब न पिएं। डिहाइड्रेशन की वजह से भी क्लॉटिंग हो सकती है।

6. जिन लोगों का वज़न ज़्यादा है या किसी तरह की बीमारी या सर्जरी से उभर रहे हैं तो लॉन्ग ड्राइव को अवॉइड कर सकते हैं क्योंकि ऐसे लोगों में ब्लड क्लॉट होने का खतरा ज़्यादा रहता है।